Saturday, December 29, 2012

एक कशिश रह गई बाकी ....

एक कशिश रह गई
हर दिल में  बाकी
हर दिल में था एक तूफां
हर दिल में थी एक आस
कि एक दिन वो उठ खड़ी होगी
और लेगी बदला अपने गुनहगारों से
पर नहीं हुआ कुछ भी ऐसा
बुझ गई वो लौ आज
अब कौन लेगा बदला
और कौन करेगा इन्साफ
बस छोड़ गई हर दिल में
एक सवाल
बेटी को ज़न्म दें या सिर्फ बेटों को??

Wednesday, December 26, 2012

वक्त .....

ऐसा नहीं कि  हर पहलू
हमें ख़ुशी दे जाए
ऐसा भी नहीं कि  हर पहलू
हमें गम दे जाए
पर कौन सा पहलू
कब क्या दे जाए
ये हम कैसे जान पायेंगें
जब खुद के सीने की साँसों  को
हम महसूस नहीं कर पाते
हर धड़कन को हम
पहचान नहीं पाते
तो हम कैसे पता करें
कि कौन सा इंसान हमें
कब क्या दे जाएगा ।।



Tuesday, December 18, 2012

गुज़रे लम्हें ...

गुज़रे हुए लम्हों को कौन याद रखता है,
बीत गया जो पल उसका किसको एहसास होता है।
चार दिनों की है ये ज़िन्दगी, 
जिसमें हर कोई ख़ुशी तलाशता है।
मिल गई तो अच्छा न मिली
तो दूजी राह पकड़ता है,
जहाँ उसे ये नहीं पता कि 
खुशियाँ मिलेंगी भी या नहीं 
पर फिर भी हर बार वो 
अपनी किस्मत अजमाता है।।


Sunday, December 16, 2012

वक्त का काम है चलते रहना ....

इन्सान की फितरत है बदलना ,
वक्त का काम है चलना।
राह में हमें साथी तो कई मिलतें हैं ,
पर हर कोई हमसफ़र नहीं बनता ।
ये ज़िन्दगी है इसका तो काम है चलते रहना,
फिर इंसान की  फितरत भी तो है हमेशा बदलते रहना ।।



Saturday, December 15, 2012

ये किस तरह याद आ रहे हो ......

ये किस तरह याद आ रहे हो
हमें इस कदर क्यों तड़पा रहे हो
क्या कसूर है मेरा
जो मेरे ख्वाबों में आके
मेरी नींद उड़ा रहे हो।

ये किस तरह ....
ख्वाबों में न सही लेकिन
एक बार सामने तो आ जाओ ज़रा
सामने आके मुस्कुरा दो ज़रा

ये किस तरह ...
क्यों दूर रहकर मुझसे
मुझे तड़पा  रहे हो
आखिर इस तरह क्यों
मुझे अपना बना रहे हो


ये किस तरह याद आ रहे हो
हमें इस कदर क्यों तड़पा रहे हो

Friday, December 14, 2012

लोग कहते हैं .....

लोग कहते हैं कि गुनाह मत करो ज़िन्दगी में ,
ये खुदा सजा देता है सबको!
तो हमने सोंचा की चलो एक गुनाह हम भी तो करके देखें,
इसी बहाने उस खुदा के दर्शन  तो मिलेंगें!!

Tuesday, December 11, 2012

मुबारक हो .....

मुबारक हो ये पल और ये साथ आपको,
खुशियों से भरा ये संसार आपको ।
ख्वाहिशों की महफ़िल सजा कर रखना ,
छोटी - छोटी बातों का गम न करना ।
जी लो ज़िन्दगी की हर खुशी साथ मिलके,
कि खुदा भी झुक जाए तुम्हारे सामने हंस के।
ये पल ये खुशियाँ समेट लो दामन में अपने ,
की फिर कभी अँधेरा न हो आँगन में ।
ऐसे ही तो ज़न्नतें बनती हैं ज़मी पर,
क्योंकि आप साथ रहते हो यहीं पर ।।

Sunday, December 09, 2012

दोस्ती का हर फ़र्ज़......


दोस्ती का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,
आपकी बेरुखी को भी अपना कहा हमने ।
यूँ तो ज़माने ने बहुत कुछ सिखाया हमको ,
पर आपने अपनी वफ़ा के लिए बहुत तरसाया हमको ।
हमारी क्या मजाल थी की हम तुमसे दूर जाने की सोंचते ,
पर तुमने तो अपने ही गले से लगा के रुलाया हमको ।।

Friday, December 07, 2012

आस्तित्व बूँद का ......

समन्दर  से अलग होकर  बूँद,
समन्दर से बेवफाई करती है ,
लेकिन अपने आस्तित्व को एक नया जन्म देती है !
बूँद फिर से समन्दर में समाकर,
समन्दर से अपनी  वफ़ा निभाती है,
और अपने आस्तित्व को एक बार फिर से मिटाती  है !!