Sunday, December 09, 2012

दोस्ती का हर फ़र्ज़......


दोस्ती का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,
आपकी बेरुखी को भी अपना कहा हमने ।
यूँ तो ज़माने ने बहुत कुछ सिखाया हमको ,
पर आपने अपनी वफ़ा के लिए बहुत तरसाया हमको ।
हमारी क्या मजाल थी की हम तुमसे दूर जाने की सोंचते ,
पर तुमने तो अपने ही गले से लगा के रुलाया हमको ।।

1 comment:

  1. "पर तुमने तो अपने ही गले से लगा के रुलाया हमको ।।"
    एक सच्चाई..कसक...और लाजवाब..!!

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