Monday, April 28, 2014

अंब लौट जाने की बारी हमारी है....

बहुत रो लिए तुम्हारी बेवफाई पे 
बहुत लड़ लिए खुद से,
हज़ारों कदम बढ़ाये हमने 
तुम्हारी तरफ आने को। 
पर तुम मुर्दे बने 
वहीं खड़े रहे,
 न आई तुममें जान 
कि  बढ़  कर मेरा हाँथ थामते। 
खुद को  कोसा  मैंने 
कि  क्यों कर रही हूँ इतनी कोशिश, 
फिर समझा कुछ तो रिश्ता बचा था अभी। 
हाँ अब मैं भी तोड़ना चाहती हूँ,
इस रिश्ते को 
और अब लौट जाने की बारी हमारी है। 
न बढ़ाउंगी अब कोई कदम 
न ही होंगी अब तुम्हारी यादें 
बस अब पीछे हटने की बारी हमारी है।।


Thursday, April 03, 2014

Happy B'day to you poo!!


वो मुझे छोटी - छोटी बातें समझाना
परेशां  होने पर मेरा हाँथ पकड़कर 
ये कहना सब ठीक हो जाएगा। 
हर वक्त मेरे साथ रहना 
मेरा साथ निभाना 
और दोस्ती का हर फ़र्ज़ अदा  करना।
मेरी छोटी - बड़ी गलतिओं को 
नदरअंदाज़ करना,
और मेरे पास आके ये कहना 
मैं हूँ ना … 
कभी दादी माँ  की  तरह 
मेरे सिर  पर हाँथ फेरना।
तेरा मुझे वो समझाना ,
डाटना, रूँठना, मनाना।
सब संजोया है इस दिल में मैंने 
एक प्यार तेरे जैसा 
अज़ीज़ दोस्त पाया है मैंने।।